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अनजाना राही -28-Dec-2021

अनजाना राही 


किसे पता था कि एक अनजाना सा राही 
अनजाने रास्तों पर यूं अचानक मिल जायेगा 
दिल के समंदर में इश्क की लहर बनकर 
एक दूजे के अहसासों को सराबोर कर जायेगा 
यकीन नहीं होता है कि एक अनजाना सा व्यक्ति
इस जन्म का ही नहीं जन्मों जन्मों का मीत बन जायेगा 
उसके बिना हर पल, लम्हा अधूरा सा लगता है
वो इस कदर मेरे दिलो दिमाग पर छा जायेगा 
कुछ तो बात है जो डूबे हैं इस कदर इश्क में "हरि"
उनके हुस्न का जादू न जाने और क्या गुल खिलायेगा 
जजबातों की किताब में दिल की जुबान से कोई
मुहब्बत का एक अफसाना फिर से लिखा जायेगा 
वो मेरा प्यार, जिंदगी, रब , खुदा, हमसफर सब है
कोई मेरी नजरों से देखे तब तो कुछ समझ पायेगा 

हरिशंकर गोयल "हरि"
28.12.21 


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1 Comments

Raziya bano

06-Jun-2022 10:20 AM

Bahut sundar rachna

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